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12th class pol.science chapter 2nd शीत युद्ध के अंत के कारण


             शीत युद्ध के अंत के कारण
          
1.  USSR का विघटन - 1991 मैं हुए शीत युद्ध के अंत के कारणों में सबसे प्रमुख USSR का विघटन है USSR की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से खराब हो गई थी और USSR  से टूटकर 15 नए राज्यों का निर्माण हुआ
2.    हथियारों की होड़ के कारण USSR  की आर्थिक स्थिति खराब हो गई - USSR  बहुत अधिक मात्रा में खर्चा किया तथा हत्यारों को अत्यधिक मात्रा में बढ़ावा दिया  इसके परिणाम स्वरूप USSR  का विघटन हो गया
3.      जनता में   गुस्सा -   शीत युद्ध  के दौरान USSR  ने बहुत अधिक मात्रा में हत्यारा पर पैसा खर्च किया  इस कारण USSR  मैं बेरोजगारी, गरीबी, बहुत अधिक मात्रा में बढ़ती जा रही थी  क्योंकि स्वयं के विकास में थोड़ा भी पैसा खर्च नहीं किया जा रहा था अब जनता इस शासन में परिवर्तन करना चाहती थी
4.    बर्लिन की दीवार का गिरना वह जर्मनी का एकीकरण होना -  बर्लिन की दीवार जोकि 1961  में लगाई गई थी गर्वाचेव के नीतियों के फलस्वरूप बर्लिन की दीवार को गिरा दिया गया यह भी शीतयुद्ध  के अंत का एक मुख्य कारण है
5.    यूएसएसआर के पास अपना उपनिवेश ना होना यूएसए के पास अपने उपनिवेश का होना - USSR जिस दिन को हथियारों पर खर्च कर रहा था वह धन यूएसए को आसानी से अपने उपनिवेश  यानी गुलामों देशों से मिल जाता था  जिस कारण यूएसए की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव नहीं पड़ा यूएसएसआर के पास ऐसे उपनिवेश नहीं थे यूएसएसआर को उस धन को हथियारों पर खर्च नहीं करना चाहिए था बल्कि स्वयं को विकास में खर्च करना चाहिए था  शीत युद्ध के दौरान यूएसएसआर ने बहुत अधिक मात्रा पर हथियारों पर खर्च कर  रहा था जो कि उसे अपने देशों के विकास पर खर्च करना चाहिए था शीत युद्ध के दौरान यूएसएसआर ने बहुत अधिक मात्रा पर हथियारों पर खर्च किया जिस कारण  उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई और यूएसएसआर का विघटन हो गया



       सोवियत संघ (USSR)  के नेता

  1.     व्लादीमीर लेनिन - कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक 1917 में हुई रूस की क्रांति के संस्थापक वह ले ली ने पूरी दुनिया में साम्यवाद को बढ़ावा दिया साथ ही  मार्क्स की नीतियों के समर्थक रहे
  2.    जोसेफ स्टालिन -  स्टालिन लेनिन की नीतियों की नीतियों के समर्थक रहे USSR  मैं औद्योगिकरण को तेजी से  बढ़ाया  दूसरे विश्व युद्ध में जीत का श्रेय इन्हीं को गया एक तरह से यह तानाशाह  शासक रहे
  3.     निकिता ख्रुश्चेव -  1953 - 1964 तक USSR  के राष्ट्रपति रहे इन्होंने स्टालिन और लेनिन की नीतियों का विरोध किया वह अमेरिका के साथ शांतिपूर्ण से अस्तित्व को बढ़ावा दिया
  4. बोरिस -   रूस के अंतिम राष्ट्रपति  द्वारा इन्हें मास्को का  मेयर बनाया गया  राष्ट्रपति की नीतियों की आलोचना की USSR   के विघटन में मुख्य भूमिका निभाई


           USSR और भारत  के बीच संबंध 
      शीत युद्ध के दौरान भले ही भारत ने गुटनिरपेक्षता को अपना रखा था परंतु फिर भी USSR और भारत के संबंध बहुत अच्छे थे

  1.  आर्थिक संबंध - USSR  ने भारत की राजनीति के क्षेत्र की कंपनियों को ऐसे समय पर मदद की जब भारत को किसी से भी चाहता नहीं मिल पा रही थी USSR  ने  भिलाई बोकारो, विशाखापट्टनम, के इस्पात कारखाना और भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसी मशीनरी संयंत्रों हाथी को तकनीकी सहायता दी बाद में जब विदेशी मुद्रा की कमी थी तब यूएसएसआर ने रुपयों को माध्यम बनाकर भारत के साथ व्यापार किया
  2.    राजनीतिक संबंध - USSR  कश्मीरी मामलों पर युवाओं में भारत को सहायता प्रदान की 1971  मैं पाकिस्तान  के युद्ध में जीत का पूरा श्रेय USSR  कोई जाता है
  3.  सैन्य संबंध- रूस  ने सदैव ही भारत की सैन्य सहायता की  है तथा नए-नए तरीके तकनीकों को भारत का प्रदान किया है 1974 का परमाणु परीक्षण वह 1998 का परमाणु परीक्षण हमने रूस के सहयोग से किया साथ ही UNO  मैं भी 13   दफा वीटो पावर का भारत के लिए इस्तेमाल किया
  4.  सांस्कृतिक संबंध-  भारत  और USSR  के सांस्कृतिक संबंध भी बहुत अच्छे हैं भारतीय फिल्में USSR  मैं बहुत ज्यादा प्रचलित है भारतीय परिधान को भी रूस में बहुत ज्यादा पहना जाता है भारत के कलाकार और अन्य लेखक ने भी रूस की यात्रा की है अर्थात भारत के आजादी के बाद से ही रूस और भारत के बीच संबंध अच्छे रहे वह दोनों के संबंधों के मध्य सामंजस्य बना रहा

    शॉक थेरेपी

शॉक थेरेपी को चोट पहुंचाकर उपचार करना भी कहा जाता है शॉक थेरेपी का मॉडल WB वर्ल्ड बैंक और IMF आईएमएफ ने तैयार किया था इसका उद्देश्य साम्यवादी व्यवस्था को हटाकर पूंजीवादी अर्थव्यवस्था  को फैलाना था

     शॉक थेरेपी के परिणाम

  1. रूसी मुद्रा का अवमूल्यन हुआ -  शॉक थेरेपी का प्रभाव इस पर यह पड़ा कि  रूसी मुद्रा की उपयोगिता पूरे विश्व में बहुत घट गई
  2.  साम्यवादी अर्थव्यवस्था का प्रसार बंद हो गया -  शॉक थेरेपी का एक  परिणाम यह भी हुआ कि अब पूरे विश्व में लगभग सभी देशों ने साम्यवादी अर्थव्यवस्था को छोड़ छोड़ कर साम्यवादी व्यवस्था को बढ़ावा दिया
  3.  बैंकों का निजीकरण -  शॉक थेरेपी का एक परिणाम यह भी हुआ कि बैंक सरकारी नियोग अब नहीं रहा 90 बैंक को निजी हाथों में सौंप दिया गया
  4.   लोगों के  धंधे चौपट हो गए -  शॉप  थेरेपी के कारण यह भी साम्यवादी अर्थव्यवस्था थी उन लोगों के धंधे भी चौपट हो गए

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