MHI-01 UNIT
– 22 सामंतवाद के
चरण
सामंतवाद के दो चरण हैं
1. 9 वीं से 11वीं शताब्दी 2. 11वीं से 14वीं शताब्दी
1.कृषि उत्पादन : साधन और विधियां
Ø खेत की तकनीक और औजार कम असरदार थे इसलिए आज की तुलना में खेती की उत्पादकता काफी कम थी कड़ी मट्टी होने की वजह से तीन या चार बार खेत को जोतना जरूरी होता था यानी उसमें कड़ी मेहनत लगानी पड़ती थी खेत को उपजाऊ बनाने के लिए हाथ, खुरपी, फावड़े और मिट्टी के ढेले फोड़ने वाला पटेला और गहराई से जोतने और उसमें से खर-पतवार, कंकड़, निकालने के लिए प्रमुख औजार थे रासायनिक खाद का प्रचलन नहीं था और प्राकृतिक उर्वरक काफी सीमित थी खेतों को काटने और जलाने पर खेती करने के कारण मिट्टी की उर्वरता की समस्या लगातार बनी रहती थी किसानों के पास कीटनाशक दवाइयां नहीं होती थी
Ø और वे कबूतर पाला करते थे जो केवल कीटों को खाते से जमीन को उपजाऊ बनाए रखने के लिए उसे छोड़ने की प्रथा थी परंतु जमीन छोड़ने से उसमें झाड़ जंगल भी पैदा हो जाते थे नाश कारी दवाई ना होने से इन्हें निकालना एक भारी काम होता था पिछड़ेपन के साथ-साथ खेती को मौसम की मार भी सहनी पड़ती थी ज्यादा नमी रह गई तो खेत जोतने का समय कम मिलता था बीज खेत में ही सड़ जाते थे और फसल मर जाती थी मिट्टी गीली होने पर अनाज निकालना बड़ा मुश्किल हो जाता था जुताई ज्यादा गहरे तक नहीं हो पाती थी हल में लोहा लगाने की शुरुआत हो चुकी थी परंतु अधिकांश भाग में पकाई लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता था जो मिट्टी की केवल ऊपर की परत को ही उलट पाती थी भारी हल और पटेला एक से ज्यादा जानवर मिलकर खींचा कहते थे यह प्रगति की पहली सीमा थी लोहे के हल se मिट्टी के अंदर गहरी जुताई होती थी और इस प्रकार अधिक खनिजों का इस्तेमाल हो पाता था
Ø घास वगैरा भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती थी इसके उपयोग से जंगली या वन क्षेत्र और दलदल क्षेत्रों में भी खेती किया जाना संभव हो सका लंबे फालों से जुताई करने से मिट्टी काफी मात्रा में पानी सकते थे और मिट्टी का कटाव कम होता था भारी हल को खींचने के लिए ज्यादा पशु शक्ति लगानी पड़ती थी मोल्डबोर्ड हल को खींचने में 4 से लेकर 8 जानवर लगाने पड़ते थे 1000ईशा, के आसपास कुछ तकनीक विकास हुआ जिसके कारण जानवरों का बेहतर उपयोग संभव हो सका और उनसे ज्यादा काम लिया जा सका बैल के स्थान पर घोड़े का उपयोग किया जाने लगा
Ø कृषि उत्पादन का संगठन
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पूरा गांव एक साथ खेत जोतता था क्योंकि हल और जानवर की कीमत एक परिवार नहीं चुका सकता था प्रत्येक परिवार खेतों को साफ करता था और उसमें बुआई करता था वह सब जगह खेत खाली छोड़ने का रिवाज नहीं था इसमें झाड़ या घास उगने दिया जाता था क्योंकि इससे कीड़े मकोड़े और जानवर अपना खाना बना सकते थे और इनसे खेतों को खाद भी प्राप्त होता था इस प्रकार की खेती की उर्वरता में वृद्धि होती थी परंतु इस व्यवस्था की भारी कीमत चुकानी पड़ती थी गांव वालों को पूरा खेत जोतना पड़ता था परंतु वह केवल आधे खेत में ही wheat uga pate आते थे बाद में तीन तरह की फसल उगाई गई बींस, गेहूं, व गर्मी का गेहूं, अन्य फसलों के साथ मटर भी उगाई जाती थी इनकी फलियों से मिट्टी में नाइट्रोजन का तत्व पड़ता था और बेले झाड़ को बढ़ने से रोकती थी इससे मनुष्य का प्रोटीन मिलता था और जानवरों को चारा, बेले मिट्टी को भुरभुरा रखती थी
Ø भरण पोषण की अर्थव्यवस्था — मनुष्य अभी भी सामान ढोने का प्रमुख साधन था सड़कें बुरी स्थिति में थी तकनीक का स्तर काफी निम्न था 12V OR 13V शताब्दी मैं जहाजों की भार वाहक क्षमता मैं बढ़ोतरी हुई परंतु पानी के जहाजों की संख्या अभी भी कम थी 1280 के बाद ही कंपास का उपयोग आम बात हो गई मनुष्य का शारीरिक श्रम ऊर्जा का प्रमुख स्रोत था इसके बावजूद लोगों को ठीक-ठाक भोजन भी नहीं मिलता था उनके रहन-सहन की स्थिति भी नाजुक थी उनके कामकाज पर असर पड़ता था बच्चों की मृत्यु दर भी काफी ऊंची थी जैसे कुपोषण के कारण स्वास्थ्य जल्दी खराब होने के कारण आदि |
2. दूसरा चरण - 11 वी शताब्दी से 14 वी शताब्दी तक
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जनसंख्या में वृद्धि — 11 वी शताब्दी में जनसंख्या में वृद्धि होने लगी इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि 10 वीं शताब्दी में कबीलाई आक्रमणों में तेजी से कमी आई शांति और सुरक्षा करने के लिए बनाए गए सामाजिक संस्थानों का भी इसमें योगदान है किसान परिवार पर लगे कानूनी प्रतिबंधों में ढील दिए जाने से भी इस प्रक्रिया को बढ़ावा मिला प्रौद्योगिक और है उत्पादन के तरीके में धीरे-धीरे सुधार आ रहा था जनसंख्या थी यह वृद्धि बहुत तेजी से हुई दसवीं शताब्दी और 14 वी शताब्दी के बीच पश्चिम की जनसंख्या दुगनी हो गई
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खेती का विस्तार — 11 वी और 12 वीं शताब्दी के बीच बड़े पैमाने पर जंगलों को साफ किया गया उन्हें खेत में बदला गया अधिकांश क्षेत्रों में संसाधन इस बढ़ती आबादी का पेट नहीं भर सकते थे ज्यादा से ज्यादा खेतों में उपज बढ़ाना जरूरी हो गया पर अभी कोई खास परिवर्तन नहीं हो पाया था क्योंकि खेती के औजार पुराने ही थे 1 वी शताब्दी के बाद बड़े पैमाने पर जंगल काटकर खेत बनाए गए जमीन साफ करने की प्रक्रिया से खेती करने के तरीके में भी बदलाव आया और बड़े-बड़े खेतों में खेती करने के बजाय छोटे-छोटे खेतों में खेती की जाने लगी पशुपालन को भी बेहतर ढंग से संगठित किया गया
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कृषि
उत्पादन के संगठन में परिवर्तन — अब लोग निजी तौर पर भी खेती कर सकते थे बेहतर उपकरण का अब प्रयोग होने लगा था जिससे खेती में परिवर्तन आया ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को आजादी का एहसास होने लगा जनसंख्या वृद्धि होने से खेती में वृद्धि हुई अब उत्पादन ज्यादा होने लगा नए नए इलाकों को साफ कर कर खेती की गई खाली पड़े खेत और कैसी है श्रमिकों का अभाव अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता थी
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अर्थव्यवस्था में वृद्धि — घनी आबादी वाले क्षेत्रों का शहर तेजी से विकास हुआ तकनीकी सुधार और अविष्कारों से ना केवल उत्पादन में वृद्धि हुई बल्कि इसने किसानों की उत्पादकता भी काफी हद तक बढ़ा दी *
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