इकाई दो
पशुपालक खानाबदोश
प्रस्तावना - पशुपालक खानाबदोश एक जगह अपना मुख्य निवास स्थान बनाते थे और जरूरत पड़ने पर दूसरे इलाकों में जाते थे वह विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों के बारे में जानकारी रखते थे और अपने जीवन यापन के लिए इसका उपयोग करते थे संतानोत्पत्ति, निवास और उनके भोजन की भी जानकारी रखते थे इस ज्ञान से उन्हें पेड़ पौधे लगाने और पशु पालने में सुविधा हुई कुछ समूह शिकार और संग्रह करते रहे और आज भी कुछ ऐसे अलग समूह है जबकि दूसरे समूह ने पशुपालन को जीवनयापन का प्रमुख साधन बना लिया या खेती को जीवन यापन का प्रमुख हिस्सा बना लिया पशुपालन एक नए बदलाव की आहट थी लोग एक जगह रह कर खेती करने लगे और लोगों ने जानवरों को पालना सीख यह इनकी जीवनशैली का पहला कदम था
पशुओं को पालतू बनाना
जानवरों को पालतू बनाने से तात्पर्य है कि उन्हें पकड़कर और नाथकर रखा जाए और इस स्थिति में प्रजनन कराया जाए सेंडोर बोकोनी के अनुसार यह लंबी और जटिल प्रक्रिया है जानवरों को पालतू बनाने में पशुओं की कई पीढ़ी लग गई और कभी कभी तो जानवर को पालतू बनाने में उनकी 30 से भी ज्यादा पीढ़ीया लग गई किन जानवरों को पालतू बनाया जाए *
काफी क्षेत्रों में सबसे पहले कुत्ते को पालतू बनाया गया ऊपरी पुरापाषाण युग में भेड़िए( कुत्ते का पूर्वज) जंगली कुत्ते को शिकार ढूंढने पहाड़ पर चढ़ने और शिकार में मदद के लिए पालतू बनाया गया सूअर भी एक ऐसा पशु है जिसे काफी पहले पालतू बनाया गया कुत्ते और सूअर के लिए अलग से खाने का इंतजाम नहीं करना पड़ता था भेड़,बकरी और मवेशी भी पाले जाने लगे यह जंगलों और घास के मैदानों में वनस्पति पर जिंदा रहते थे इन्हें पालतू बनाना फायदेमंद होता था शिकार न मिलने पर इनका मांस खाया जाता था इनके खाल और भी मूल्यवान होते थे कुत्ता, सूअर,भेड़,बकरी और मवेशी | सबसे पहले पश्चिम एशिया से इन्हें पालतू बनाने के प्रमाण मिलते हैं पालतू बनाए जाने के समय से ही इनकी खेती भी शुरू हो चुकी थी और दोनों प्रक्रिया साथ चलती रही कुत्ते को पाले जाने का सबसे पहला प्रमाण 14 हजार वर्ष पहले उत्तर पूर्व इराक से मिलता है और भेड़ का 11 वीं शताब्दी में उत्तर पश्चिम इराक से प्राप्त हुआ सूअर का 8750 उत्तर पूर्व इराक से मिलता है भेड़ बकरी सबसे ज्यादा पाले जाते थे क्योंकि यह किसी भी प्रकार के मौसम में जीवित रह सकते थे यह झाड़ियां, कंटालिया पौधे भी आसानी से खा लेते थे बकरी और भेड़ के शरीर पर काफी बाल या उन होते है सातवीं शताब्दी के आसपास मिस्र और पूर्वी सहारा में गधे पाले जाने लगे उनका उपयोग मुख्य रूप से बोझा ढोने और गाड़ी खींचने के लिए किया जाता था और ऊंट पालने का सबसे पहला प्रमाण पूर्वी सहारा से मिलता है इनका प्रजनन का काम चौथी शताब्दी ईसा पूर्व शुरू हुआ घोड़े को पालतू बनाया जाना एक प्रमुख घटना थी जिसने पशुपालक खानाबदोश संस्कृति को पूरी तरह बदल दिया घोड़े यूरेशियाई स्टेप्स में चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से थोड़े पहले मिलने लगता है लेकिन इस बात को लेकर विद्वानों में मतभेद है कि घोड़ों को पालतू क्यों बनाया जाता था 1. इन का मांस खाया जाता था 2. या सवारी के लिए या गाड़ी जोतने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता था या फिर बाद में उन्हें खाया भी जाने लगा *
पशुपालक खानाबदोश
दानी
के अनुसार खानाबदोश समूह ने ना केवल अपने बल्कि मनुष्य पशुओं के बीच संबंध स्थापित किया बैल और घोड़े का उपयोग खेती करने के लिए और घोड़े और ऊंट का उपयोग घास के मैदान या रेतीले रेगिस्तान को तेजी से पार करने के लिए किया गया खानाबदोश की दो विशेषताएं थी 1. पशुपालन उनकी अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार था 2. वह हमेशा एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे कुछ ऐसे पशुपालक भी हैं जिनके जीवन यापन का आधार पशुपालन है पर व स्थानबद्ध जीवन जीते हैं *
समाज और अर्थव्यवस्था
शादी विवाह के लिए अलग-अलग तरीके थे एक विवाह की प्रथा प्रचलित थी कुछ समुदायों में बहुपति और बहुपत्नी प्रथा भी पाई जाती थी धार्मिक अनुष्ठानों में जानवरों की बलि चढ़ाई जाती थी सब्जी के अलावा मांस, दूध और दूध से बने अन्य पदार्थ उनके मुख्य भोजन थे और जानवरों का रक्त पीने की भी प्रथा थी किसी समुदाय से उनका लेनदेन चलता था खानाबदोश अर्थव्यवस्था में एक नए प्रकार के ऐसे घर बनाए जाते थे जिन्हें आसानी से लगा और उखाड़कर एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते थे बर्तन और अन्य सामान भी ऐसा ही था ज्यादा तो लकड़ी और चमड़े का होता था हल्के और मुलायम कपड़े, सपाट जूते, लंबे और चौड़े पतलून का इस्तेमाल करते थे ,शुष्क, टूंडरा क्षेत्रों में खाद् उत्पादन की यह नई आर्थिक अर्थव्यवस्था थी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से एक ही प्रकार के पशु प्रजातियों के प्रजनन पर निर्भर थी अलग-अलग तरह के जानवरों को रखने और भोजन तथा सामानों के आदान-प्रदान से इसमें कुछ परिवर्तन आया यह अर्थव्यवस्था खाद्यान्न, शिल्प और अपने सामानों के आदान-प्रदान और बेचने खरीदने के लिए दूसरी अर्थव्यवस्थाओं पर आश्रित थी दूसरा विचार यह है कि पशुपालक खानाबदोश अर्थव्यवस्था स्थिति और इसमें आत्मनिर्भरता का अभाव था
very useful thnkx
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteMene aaj 13-02-2021 ko MHI01 ka assignment likha.
ReplyDeleteIt's very useful
ReplyDeleteThank you so much
Great bro can you give me 1st symister all lec
ReplyDeleteHelp me
ReplyDeleteBahut hi shandar content hai sir
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