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Unit – 14 माया सभ्यता (the mayas)


                                                                                      Unit – 14 माया सभ्यता (the mayas)

 माया सभ्यता 500 ईसा पूर्व और 1000 ईसा पूर्व के बीच फली फूली, माया सभ्यता में बिखरे हुए बड़े और छोटे शहरों और गांवों की एक सांस्कृतिक इकाई थी हालांकि इनमें से अधिकांश शहर या गांव एक दूसरे से जुड़े थे यहां प्रशासनिक ढांचे से ऐसा लगता है कि बड़े केंद्र शहर राज्यों के अधीन थे यहां एक समय में 4 बड़े प्राथमिक केंद्रीय उदित हो रहे थे इन सबके अपने प्रतीक चिन्ह थे और यहां अलग-अलग राजवंशों का शासन था *

बस्तियां  और स्थापत्य 
  •  लगभग सभी माया बस्तियों में शहर और उत्सव पाए गए हैं और अधिकांश विशाल ढांचे के अवशेष इधर-उधर बिखरे मिलते हैं यहां पर उत्सव दरबार, जिसके चारों और विशाल चौक होता था, जिनमें बजार लगता था, सरदारों, पुजारियों और अन्य कर्मचारियों के घर होते थे और इनसे दूर आम जनता के घर होते थे छोटे चौक से लेकर विशाल जलाशय, चौड़े पथ, और छोटे स्मारकों के ढांचे भी मिलते हैं अपनी माया बस्तियों में गड्ढे या कुआं भी पाए गए हैं जो रोजमर्रा के काम आते थे.*
  • विशाल पिरामिड, सजावट, नक्काशी, विशाल पिरामिड के अलावा विशाल द्वार, स्नानागार, और यहां मंच और नाटक भी खेले जाते थे यहां पहला ढांचा ऊंचे पत्थर के बने चबूतरे का है जिस पर लकड़ी का एक घर बना है एक ही तरह के तीन मंदिर भी हैं जिनमें  चौड़ी सीढ़ियां है तथा छत के शिखर एक दूसरे के सामने बने हुए हैं चौक में एक बड़े पुजारी के दफनाए जाने का प्रमाण मिला है उसके मकबरे और इसी प्रकार के एक मंदिर के लिए चबूतरे को ऊपर उठाया गया है यह चबूतरा कब्र के ऊपर बना हुआ है बाद में मंदिर में कई इमारतें बनने लगी.
  •  यहां पर देसी घरों के अवशेष भी पाए गए हैं जिन्हें ना (na) कहा गया है घरों की दीवारें लकड़ी की हुआ करती थी इनकी छाते ताड़ के पत्तों से बनाई जाती थी माया वासियों ने चौड़ी सड़के बनाई थी जिन्हें स्केब कहते थे यह सड़के प्राचीन शहरों को एक दूसरे से जोड़ते थे तथा इन सड़कों की ऊंचाई 2 से लेकर 4 फीट होती थी चौड़ाई 15 से 33 फीट तक होती थी इन सड़कों की लंबाई 600 फीट से लेकर 60-70 मील तक होती थी लोग व्यापार की वस्तुएं तथा उत्सव पर उपहार, चढ़ावे आदि लेकर शहर पहुंच सके इसलिए यह सड़कें बनाई गई थी  माया वासियों ने समुद्री मार्ग का भी उपयोग किया था 1502 मैं  कोलंबस ने सबसे पहले इन्हीं माया वासियों की नौकाओं को देखा था

राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था 
·          माया शहर राज्यों के मुख्यअसली पुरुषयाहेलेक यूनिक (halach uinic)थे , यहां अनुवांशिक था यानी कि पिता के बाद पुत्र को पद दिया जाता था परंतु यदि सरदार का पुत्र शासन के अयोग्य पाया जाता था तो उनके भाई या किसी संबंधी को सरदार बना दिया जाता था 
·         हेलेक यूनिक के अधीन स्थानीय सरदार हुआ करते थे यह एक प्रकार के  पदाधिकारी थे जिन्हें बाताबोब(batabobs) के नाम से जाना जाता था बाताबोब का आम तौर पर हेलेक यूनिक से खून का रिश्ता होता था बाताबोब पर अपने शहर के शासन की देखरेख का जिम्मा था इसके अलावा एक नगर परिषद भी होती थी जिसमें शहर के विभिन्न  उप-मंडलों के सरदार शामिल रहते थे  वे बाताबोब के किसी भी कार्य पर रोक लगा सकते थे
·         बाताबोब झगड़े भी निपटाया करते थे* बाताबोब प्रांत का मुखिया होता था परंतु नेतृत्व युद्ध नायक के हाथ में होता था जिन्हें नाकोम कहा जाता था नाकोम  का चुनाव 3 वर्ष के लिए किया जाता था जरूरत पड़ने पर बाताबोब राजस्व और नजराना भी वसूल करते थे बाताबोब आमतौर पर पालकी में घूमा करते थे जिन्हें सामान्य जन ढोया करते थे, और वहां एक नौकरशाही भी थी जो काफी सख्त थी और इसमें समाज के ताकतवर लोग शामिल थे राज्यपाल, युद्ध माइक से लेकर सिपाही तक इसमें शामिल थे, यह सभी अधिकारी उच्च वर्ग में गिने जाते थे किसी भी प्रकार का कर नहीं देते थे 
·          सामान्य जन या किसान उच्च वर्ग के लोगों की कई प्रकार से सेवा करते थे श्रमिकों ने विशाल चौक और पिरामिड बनाए, कुशल कारीगरों ने पत्थर को काटकर दीवारें बनाई, प्लास्टर किया, नक्काशी कि और श्रमिकों ने गड्ढों को मिट्टी से भरा और कुशल कारीगरों की तरह तरह से मदद की, और वह रंग बनाने वाले पौधे आदि उगया करते थे इनकी प्रमुख फसल मक्का थी मक्का के अलावा फलिया भी उगाया करते थे, लौकी, शकरकंद, मीठा कसावा ( यह एक प्रकार का शलगम था) आदि भी उगया करते थे 
·         माया वासियों के लिए पानी की उपलब्धता हमेशा से एक समस्या रही थी, हालांकि पूरे क्षेत्र में खूब वर्षा होती थी पर जो बस्तियां नदी के किनारे थी उन्हें छोड़कर बाकी सब को पानी की बड़े दिक्कत थी, क्योंकि वर्षा का पानी जमीन के भीतर चला जाता था और जमीन के निचले हिस्से में पानी सोखने वाला चूना पत्थर था, कुशल कारीगर ने वहां एक विशाल जलाशय बनाया, और पानी सोखने वाले क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया.
·         चाक (chac) उनका वर्षा का देवता था खेती शुरू करने से पहले उसकी पूजा की जाती थी और इसके अलावा फसल देवता की भी पूजा की जाती थी माया वासी किसान संकट के दिनों के लिए wheat जमा करके रखते थे मक्का इनका पहला कर था ,किसान के पास जो बचता था उसका एक हिस्सा राज्य के भंडार गृह में जमा कर दिया जाता था *
·         इसके साथ-साथ बुनाई भी माया वासियों का एक प्रमुख रोजगार था पुरुष और महिलाएं दोनों ही यह कार्य किया करते थे वह झोला,रस्सी, चटाई और बर्तन बनाया करते थे तथा उस पर नक्काशी क्या कहते थे. पंचांग और चित्र लिपि माया सभ्यता की महत्वपूर्ण उपलब्धि है माया वासियों के पास तीन अलग-अलग कैलेंडर थे **

 माया सभ्यता का अंत क्यों और कैसे हुआ 
  • 9वी शताब्दी के आसपास माया सभ्यता में इमारत बननी बंद हो गई जो इस सभ्यता के पतन के शुरू कारण को दर्शाता है, विद्वानों का मानना है कि किसी प्रकार की बीमारी जैसे मलेरिया या पीले बुखार से ऐसा हो सकता है, या फिर सुखा या भूकंप जैसी चीजें भी इसका कारण हो सकती है, कुछ विद्वान कृषि व्यवस्था ढहना है या किसान विद्रोह या व्यापार मार्ग के बंद होने या आक्रमण भी इसका कारण बताते हैं.
  • हमें यहां मानव कंकाल भी मिले हैं और यह मौतें विभिन्न प्रकार की बीमारियों से हुई है और यह बीमारियां मुख्य रूप से कुपोषण और भोजन मिलने के कारण हुई है हाल ही में हुई खुदाई में वहां जबरदस्त और गहन खेती होने का पता चलता है *
  •  माया सभ्यता के पतन का एक कारण कृषक विद्रोह भी हो सकता है, वहां पर स्मारको पर हमले और तोड़फोड़ के प्रमाण मिलते हैं
PDF LINK HERE :- https://drive.google.com/open?id=12lLKIBGrWCGK_CwhoZpfEYWOOitWHUrp

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